Vinita gupta

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कहा चंदा ने




🌷जय मां शारदे 🌷                                                             
 नमन                                                                                                                                               
💥🌙
कहा चंदा ने सूरज से ,कि तुम इतने गरम कैसे  l                        
हँसा फिर बोल उठा सूरज ,धरा में फिर तपन कैसे ll

अगर तपता नहीं तो फिर, उष्ण होता ये जल कैसे, 
न बनतीं वाष्प तो फिर, संघनित होता  जलद कैसे ,
बरसती न ये जल धारा, हरित होता   चमन  कैसे l
कहा  चंदा ने सूरज से  , कि तुम इतने गरम  कैसे ll

उदित होता हूँ पूरब से ,बिखेरूं  रश्मियाँ  अपनी ,
हरे पल्लव बना भोजन, करें पोषित जिया अपनी ,
न हो तरु और लतिकायें ,मिलेंगे वन सघन कैसे l
कहा चंदा ने सूरज से, कि तुम इतने गरम  कैसे ll

मैं जब आता धरा पर हूँ   ,विषाणु भाग जाते हैं ,
मिटे सब रोग मानव के, सुखद परिणाम आते हैं,                          
न मिटता रोज तम तो फिर, कहाँ देखें नयन कैसे l
कहा  चंदा ने सूरज से कि  तुम इतने गरम कैसे ll

मेरी गर्मी से ही पहचान,चंदा   तुमको  मिलती हैं  ,
चला जाता हूँ अस्ताचल, तभी शीतलता खिलती है, 
तेरा अस्तित्व मुझसे है, तो फ़िर तुझमें जलन कैसे l
कहा चंदा ने सूरज से  कि,  तुम इतने गरम   कैसे ll

विनीता गुप्ता, छतरपुर, मध्य प्रदेश स्वरचित मौलिक सर्वाधिकार सुरक्षित।       आज की प्रतियोगिता हेतु विषय स्वैच्छिक






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4 Comments

Alka jain

06-Feb-2024 11:40 AM

Nice

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Gunjan Kamal

02-Feb-2024 04:13 PM

👏👌

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Punam verma

02-Feb-2024 09:17 AM

Nice👍

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